राम भारत की आत्मा है- कैलाश मंथन
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अंचल में 108 राम मंदिरों में गूंजेगा नाम संकीर्तन
राम भारत की आत्मा है- कैलाश मंथनविराट हिन्दू उत्सव समिति चिन्तन मंच के तहत होंगे विशेष कार्यक्रम
गुना। अयोध्या में 22जनवरी को श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर संपूर्ण मध्यांचल में जश्न का माहौल रहेगा। अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद के प्रांतीय प्रचार प्रमुख एवं विराट हिउस अध्यक्ष कैलाश मंथन के मुताबिक अंचल के 108 श्रीराम मंदिरों में रामरक्षा स्त्रोत, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, बजरंगबाण के पाठ एवं राम नाम संकीर्तन के आयोजन किए जा रहे हैं। शहरी क्षेत्र में राम मंदिरों में भी विशेष विद्युत सज्जा एवं कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने सभी धर्मावलंबियों से अपने-अपने घरों में पूजा स्थल ही श्रीराम नाम जाप एवं पाठ करने का अनुरोध किया है । विराट हिउस के तहत अंचल के 108 राम मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जायेगी । रामनाम संकीर्तन के साथ रामचरित मानस, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा का गायन हो रहा है ।
सनातन संस्कृति के प्राण तत्व हैं भगवान श्रीराम- कैलाश मंथन
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भव्य कार्यक्रम के चलते मध्यांचल में विराट हिन्दू उत्सव समिति, अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद के तहत विशेष विराट हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने बताया कि अंचल के 108 श्रीराम मंदिरों में विशेष श्रृंगार एवं विधुत सजावट की गई है । श्री हनुमान चौराहा मंदिर पर भगवान श्रीराम दरबार का विशेष श्रृंगार एवं महाआरती की जायेगी। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मंदिरों में जय सियाराम के नारे गूंजित हो रहे हैं । इस अवसर पर हिउस प्रमुख श्री मंथन ने कहा कि कलंकित अध्याय की समाप्ति होकर भारतीय संस्कृति में राम की संपूर्ण महत्ता स्थापित हो गई है। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम भारतीय संस्कृति की आत्मा है। श्रीराम भारत की चेतना हैं, आधार हैं। जन-जन के ह्दय में बसते हैं श्रीराम। मरते समय श्रीराम नाम ही एकमात्र मुक्ति का साधन है। इस अवसर पर सभी राम मंदिरों एवं हनुमान जी के मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है ।
नि:शुल्क सुंदरकांड एवं श्रीमद् भगवद् गीता का वितरण
विराट हिउस के प्रमुख श्री मंथन ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर नि:शुल्क सुंदरकांड एवं श्रीमद् भगवद् गीता की प्रतियां नि:शुल्क वितरण की जा रही हैं । श्री मंथन के मुताबिक भारतीय संस्कृति में इन ग्रंथों के अध्ययन, पठन, पाठन से आत्मबल की वृद्धि होती है एवं कर्म, भक्ति, ज्ञानयोग की प्राप्ति होती है, जीवन का ध्येय प्राप्त होता है। भगवान राम का चरित्र प्रत्येक मानव मात्र को प्रेरणा देता है। प्रत्येक प्राणी को भगवान एक अभय प्रदान करते हैं। जटायु, गिद्ध, जामबंत, वानर जाति का उद्धार भगवान ने किया।
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