नर सेवा से ही प्रसन्न होते नारायण- कैलाश मंथन
विशाल भंडारे के साथ संपन्न हुआ मकर संक्रांति मेला
पूर्णाहूति पर मुहालपुर गुफाओं पर उमड़ा जनसैलाब, हजारों ने ग्रहण की महाप्रसादी
नर सेवा से ही प्रसन्न होते नारायण- कैलाश मंथन
गुना। अंचल में मकर संक्रांति महोत्सव सप्ताह का समापन पूर्णाहूति, अखंड रामायण पाठ एवं हवन से हुआ। शहर से 4 किमी दूर दक्षिण में मुहालपुर की पहाडिय़ों पर स्थित प्राचीन गुफाओं पर 11 जनवरी से आयोजित मकर संक्रांति मेले की पूर्णाहूति 17जनवरी बुधवार को संपन्न हुई। विराट हिन्दू उत्सव समिति के अध्यक्ष कैलाश मंथन ने बताया कि एक सप्ताह तक चले इस आयोजन में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने धर्मलाभ लिया। इस अवसर पर मकर संक्रांति पर मालपुर स्थित कुंड पर पर्वी स्नान हुआ। वहीं गत दिवस सिद्धेश्वर गुफा पर रामायण के समापन के साथ हवन एवं भंडारे का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर विराट हिन्दू उत्सव समिति, चिंतन मंच, मेला समिति एवं करीब एक दर्जन गांवों निवासियों ने क्षेत्र में फैली पुरा संपदा को लेकर जिला प्रशासन को अवगत कराया। जिला प्रशासन का ध्यानाकर्षण करते हुए पुराविद एवं समाजसेवी कैलाश मंथन ने बताया कि गुना जिले के अतिशय क्षेत्र बजरंगगढ़, श्री बीसभुजा देवी मंदिर, मालपुर की प्राचीन गुफाओं को अविलंब पर्यटन क्षेत्र घोषित किया जाए। गुना जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी क्षेत्र की पहाडिय़ों पर वैष्णव, शैव, जैन एवं बौद्ध कालीन, द्वापरयुगीन अवशेषों की भरमार है। करीब एक दर्जन गांवों में पुरा संपदा गुफाओं एवं पहाड़ी शैल मूर्तियों के रूप में उत्कीर्ण है। ध्यान रहे मालपुर पहाड़ी पर फैली गुफाएं करीब चार दशक पहले प्रकाश में आई थीं। समाजसेवी कैलाश मंथन के मुताबिक मालपुर की पहाडिय़ों पर, नठाई, गढ़ा ग्राम, गादेर, केदारनाथ, पचमढ़ी, बेंहटाझिर, चांदौल, टकटइया, ऊषाखो-कुसुमखो, सिंध नदी के किनारे, . अवशेष बड़ी संख्या में मौजूद हैं। अतिक्रमण के चलते अनेकों गुफाओं एवं प्राचीन मूर्तियों को निजी संपत्ति के रूप में तब्दील कर दिया गया है। पुरातत्व विभाग, जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर न होने से पुरासंपदा के तस्कर सक्रिय होकर बहुमूल्य विरासत को समाप्त कर चुके हैं। भारत सरकार को भेजे गए अपने मांग पत्र में गुना जिले में बिखरी पुरासंपदा को संरक्षण करने की मांग एवं पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग की है।
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