रंग पंचमी पर अंचल में हुई प्राकृतिक फूलों एवं रंगों की बरसात
जीवन के विविध रंगों का प्रतीक है रंग पंचमी उत्सव- कैलाश मंथन
रंग पंचमी पर अंचल में हुई प्राकृतिक फूलों एवं रंगों की बरसात
गुना। रंग पंचमी का पर्व अंचल में उमंग और उल्लास से मनाया गया। विराट हिन्दू उत्सव समिति, चिंतन मंच, अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद, जनसंवेदना, अन्तर्राष्ट्रीय निशुल्क गीता प्रचार मिशन भारत ,नारी शक्ति चिन्तन मंच के तहत रंग पंचमी पर्व पर रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिले के केदारनाथ, मालपुर, बजरंगगढ़ सहित अन्य स्थानों पर प्राकृतिक रंगों एवं फूलों से होली खेली गई। विराट हिउस प्रमुख श्री मंथन ने बताया , गले मिलकर ,रंग-गुलाल लगाकर, पुष्पों की पंखुडिय़ां बरसाकर रंग पंचमी मनाई गई। केमिकल रंगों के स्थानों पर टेसू के फूल से बने प्राकृतिक रंगों का प्रयोग कर श्री ठाकुर जी के साथ होली खेलते हुए भक्तगण भक्ति के रंग सराबोर हो गए। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में करीब सवा सौ स्थानों पर सत्संग सभाएं, कीर्तन मंडलियों ने फाग के रसियों से समा बांध दिया।
इस मौके पर विराट हिन्दू उत्सव प्रमुख कैलाश मंथन ने कहा कि भारत में उत्सवों की परंपरा महान है। होली महोत्सव की रंगारंग पूर्णाहूति करते हुए अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय परिषद के जिलाध्यक्ष श्री मंथन ने वैष्णवों के बीच कहा कि जीवन में प्रत्येक कार्य को प्रभु सेवा समझकर किया जाए एवं जीवन में होने वाले विभिन्न सुख दुख को समान समझकर जीवन के विविध रंगों को उल्लास पूर्ण तरीके से देखा जाए तो जिंदगी में उत्साह एवं उमंग बना रहेगा। जीवन में रंगों की विविधता का प्रतीक है रंग पंचमी का पर्व। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एवं नागरिकगण उपस्थित रहे।
केदारनाथ में हुआ अभिषेक, ठंडाई प्रसादी का वितरण
रंगपंचमी के मौके पर केदारनाथ एवं अन्य धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में हिउस कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर भगवान भोलेनाथ अभिषेक कर फूलों, रंग अबीर-गुलाल से होली महोत्सव मनाया ।
*धार्मिक आस्थाओं पर भारी पड़ा शराब और शबाब का फूहड़ प्रदर्शन
धार्मिक मेलों में अश्लील नृत्यों एवं शराबखोरी पर लगे प्रतिबंध-कैलाश मंथन
रंग पंचमी जैसे पवित्र त्यौहारों पर फूहड़ता भरे नृत्यों एवं शराबखोरी पर प्रतिबंध लगना जरूरी है। नशे के मद में मदहोश लोगों की भीड़ एवं अश्लील भौंडे नृत्य कभी भी हादसे का कारण बन जाते हैं। विराट हिन्दू उत्सव समिति के प्रमुख कैलाश मंथन के मुताबिक अंचल करीला धाम में रंगपंचमी के अवसर पर लाखों लोग पहुंचे। इस दौरान क्षेत्र में खुले आम अवैध एवं वैध शराब की बिक्री हुई। देखा गया कि शराब के नशे में डूबकर अनेकों दबंग रंगपंचमी की रात जब करीला में मां जानकी एवं राम दरबार की प्रार्थना में राई नृत्य के दौरान अश्लील हरकतें करते रहे। वहीं अनेकों राइयों को भी शराब पिलाकर नृत्य कराया गया, जो कि झगड़े का कारण बन जाते। एक महान परंपरा फूहड़ता, शराब और शबाव के अश्लीलता का प्रदर्शन बनती जा रही है ।
करीला पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालु
पड़ोसी जिले अशोकनगर के करीलाधाम में मां जानकी के दर्शन करने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। बस एवं अन्य यात्री वाहनों द्वारा मनमाना किराया वसूल कर ओवर लोडिंग की गई।
अंचल सहित शहर में हुई केसरिया बारिश
अंचल एवं शहर में रंग पंचमी पर रंगीन माहौल छाया रहा। इस मौके पर शहर के युवकों की टोलियों ने जमकर रंग बरसाया। रंगपंचमी उत्सव की अगुवाई विराट हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने की। शहर एवं अंचल में प्रमुख धार्मिक एवं प्राचीन पर्यटन स्थलों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। केदारनाथ, मुहालपुर सहित अन्य स्थलों पर विराट हिन्दू उत्सव समिति के तहत श्रद्धालुओं को ठंडाई आदि का प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने कहा कि होली का त्यौहार रंगों का त्यौहार है। जीवन में सुख, दुख रूपी रंग न आए तो जीवन बेरंग हो जाता है। इसलिए होली महोत्सव रंगों का त्यौहार कहा जाता है। अपने धर्म में मरना भी श्रेयस्कर, स्वधर्मे निधन श्रेय:। त्यौहारों की सनातन परंपरा की रक्षा करना चारों वर्णों का कर्तव्य है।
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