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सुगंधित गुलाल-अबीर लगाकर गले मिले स्नेहीजन

 भक्ति के रंग में  रंगना  ही फाग महोत्सव की पूर्णता - कैलाश मंथन

सुगंधित गुलाल-अबीर लगाकर गले मिले स्नेहीजन

40 दिवसीय फागोत्सव का दोलोत्सव के साथ समापन


गुना। मध्यभारत अंचल में पुष्टिभक्ति केंद्रों पर पिछले 40 दिवसीय फागोत्सव का समापन विशेष मनोरथ, धुलेंडी, दोलोत्सव के साथ संपन्न हुआ। विशेष मनोरथ के साथ दालोत्सव की पूर्णाहूति करते हुए सत्संग वार्ता में अखिल भारतीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद के जिलाध्यक्ष कैलाश मंथन ने कहा कि पुष्टिमार्ग में 40 दिनों तक फाग महोत्सव का तात्पर्य है भक्तों के ह्रदय में नवघाभक्ति का रंग स्थिर होना। भक्त और भगवान के बीच रंगों की होली नवधाभक्ति का प्रतीक है। भक्ति के 9 ही प्रकार हैं। होली हमें प्रेम का संदेश देती है। चिंतन हाउस एवं श्री गोवर्धन नाथजी मंदिर पर विषेष दोलोत्सव पर विशेष मनोरथ सिद्ध हुए। श्री मंथन के मुताबिक ग्रामीण अंचल के करीब एक सैकडा ग्रामों में पुष्टिमार्गीय आचार्यों, वल्लभकुल आचार्यों की उपस्थिति में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के मंदिरों, सत्संग मंडलों में 40 दिनों तक भक्ति के रंगों की बहार छायी रही। श्रीनाथ जी के मंदिरों एवं ग्रामीण अंचलों में फाग के रसियों के गुंजित स्वरों ने बृजधाम सा वातावरण निर्माण किया।

जिले  में एक सैकड़ा गावों में हुए विशेष मनोरथ

श्री मंथन के मुताबिक गुना शहर, फतेहगढ, भौंरा, परवाह, उमरी, कालोनी, मगरोडा, रतनपुरा, खासखेडा, खुटियारी, लोडेरा, अरण्यापार, सारसेला, बरोदिया, सावरामोदी, भिडरा, रतनपुरा, बिलोदा, विशनपुरा, छबडा, आरी, खुरई, नाहरगढ, बागेरी, पांचैराा सहित सैकडों गांवों में रसियों के स्वर गुंजित होते रहे एवं विशेष मनोरथ, नंद महोत्सव पालना, ठाकुरजी के साथ होली खेल आदि उत्सव वल्लभकुल आचार्यों की उपस्थिति में संपन्न हुए।

फूलों की होली से महक उठा धुलेंडी का पर्व

इधर अंचल में धुलेंडी का पर्व शालीनता एवं उत्साह के साथ मनाया गया। विराट हिन्दू उत्सव समिति के तहत फूलों की होली खेलने के साथ पवित्र सुगंधित गुलाल-अबीर-चंदन के साथ तिलक होली भव्यता से मनाई गई। हिउस संयोजक कैलाश मंथन के मुताबिक प्रमुख मीडिया संस्थान तथा विभिन्न संस्थाओं के आव्हान पर पर्यावरण को पवित्र रखने के उद्देश्य से होली पर गुलाब के फूलों, चंदन, प्राकृतिक रंगों व सुगंधित गुलाल का ही प्रयोग किया गया। गुना शहर में प्रात: काल होली उत्सव का शुभारंभ सभी देव दरबारों में फूलों की होली खेलकर हुआ। श्री द्वारिकाधीश मंदिर नामदेव समाज  में  बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सेदारी की। हिउस संस्थापक कैलाश मंथन के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने आम लोगों के साथ गुलाब पुष्प भेंटकर एवं गुलाल तिलक लगाकर होली का आनंद लिया।  इस मौके पर श्री मंथन ने कहा कि वर्तमान में होली की पवित्रता बनाए रखने के लिए पर्यावरण हितैषी होली मनाने की आवश्यकता है। इधर केदारनाथ धाम में हिउस ने भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कर विश्वशांति की कामना की। वहीं मालपुर गुफाओं पर सिद्धेश्वर महादेव को भांग, ठंडाई का भोग भक्तों द्वारा अर्पित किया गया ।

हिउस ने मनाया

दोपहर में करीलाधाम पहुंचेंगे सैकड़ों कार्यकर्ता

रंग पंचमी के अवसर पर पड़ोसी जिला अशोकनगर में स्थित करीलाधाम माता जानकी के मंदिर में होने वाले विशाल महोत्सव में शरीक होने अंचल के हजारों लोग पहुंचेेंगे। मेले की व्यवस्थाओं में सहयोग करने के लिए सैकड़ों कार्यकर्ता करीलाधाम पहुंचेंगे।

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