अंचल में होगा 5 हजार से अधिक स्थानों पर होलिका दहन, कड़ी सुरक्षा की मांग
अंचल में होगा 5 हजार से अधिक स्थानों पर होलिका दहन, कड़ी सुरक्षा की मांग
शहरी क्षेत्र में होगा करीब 250 स्थानों पर होलिका पूजन एवं दहन
होली में कंडों के प्रयोग से होती है पर्यावरण की शुद्धि- कैलाश मंथन
गुना। अंचल में होली महोत्सव भव्यता एवं धूमधाम से मनाया जा रहा है। हिउस संस्थापक कैलाश मंथन के मुताबिक शहरी क्षेत्र की बस्तियों में करीब 250 प्रमुख स्थानों पर होलिका दहन एवं पूजन किया जा रहा है। इनमें अधिकांश स्थानों पर लकड़ी एवं कंडे की होली जलाई जाती है। अंचल के एक हजार गांवों में होलिका दहन होता है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक प्रत्येक गांव में औसतन 2 से 5 होलिका दहन होता है। जबकि शहरी क्षेत्र में इनकी संख्या सैकड़ों में रहती है। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन के मुताबिक जिले के गुना शहरी क्षेत्र सहित बमोरी, चांचौड़ा, कंभराज, राघौगढ़, आरोन, मधुसूदनगढ़, आदि विकासखंड मुख्यालयों पर करीब एक हजार स्थानों पर होलिका दहन होता है। जबकि जिले के संपूर्ण ग्रामीण क्षेत्रों के गांवों में पांच हजार से अधिक स्थानों पर होलिका पूजन एवं दहन किया जाता है। जिले में 12 लाख हिन्दू धर्मावलंबी होली महोत्सव में भागीदारी करते हैं।
#होली में कंडों के प्रयोग से होती है पर्यावरण की शुद्धि-कैलाश मंथन
जिन इलाकों में लकड़ी का अभाव रहता है वहां कंडों की होली जलती है। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन के मुताबिक हरे वृक्ष न काटें जाएं, पर्यावरण संतुलित बना रहे, वातावरण पवित्र रहे, गोबर से बने कंडे सहज सुलभ रूप से मिल जाते हैं, इसलिए अंचल में होली में कंडों का प्रयोग करने का आव्हान किया जा रहा है। अधिकांश स्थानों पर लकड़ी के साथ कंडों का भी अधिकाधिक प्रयोग होने लगा है। अंचल की बस्तियों में घरों के सामने गृहणियों द्वारा कंडों के साथ गोबर की मलरियों की होली जलाई जाती है। जिसकी अग्रि एवं भस्म सालभर सुरक्षित की जाती है। गौवंश के गोबर से बने कंडे, मलरिया आदि होलिका दहन में उपयोग किए जाते हैं। कंडों की होली जलाने से वातावरण पवित्र एवं शुद्ध होता है। गर्मी का मौसम शुरू होते ही मच्छरों की भरमार होती है। होली में कंडों का अधिकाधिक प्रयोग होने से कोरोना, डेंगू, स्वाईन फ्लू, मलेरिया आदि बीमारियां दूर होती हैं। जहरीले कीटाणुओं का खात्मा होता है।
#संवेदनशील स्थलों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाए
विराट हिन्दू उत्सव समिति के अध्यक्ष कैलाश मंथन ने सभी संवेदनशील स्थलों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ साफ-सफाई, निरंतर विद्युत एवं जल आपूर्ति करने की मांग जिला एवं स्थानीय प्रशासन से की है। शहर के ख्यावदा चौराहा, बूढ़े बालाजी, श्रीराम कॉलोनी, बजरंगगढ़ रोड, गुलाबगंज, बांसखेड़ी, पुरानी नगरपालिका, शिवाजी नगर, कर्नलगंज, शनि मंदिर जगनपुर बस्ती सहित करीब एक दर्जन क्षेत्र संवेदनशील माने जाते हैं। शहर की सार्वजनिक होली पुरानी गल्ला मंडी में जलाई जाती है। 24 मार्च को होली पूजन एवं प्रदीपन, 25 मार्च को धुलेंडी, दोलोत्सव एवं 30 मार्च को रंग पंचमी पर भव्य कार्यक्रम विराट हिन्दू उत्सव समिति के तहत संपन्न होंगे।
108 स्थानों पर हिन्दू उत्सव समितियों का गठन
विराट हिन्दू उत्सव के अध्यक्ष कैलाश मंथन के मुताबिक होली उत्सव के तहत दस दिवसीय कार्यक्रमों के दौरान 108 स्थानों पर हिन्दू उत्सव समितियों का गठन कर पवित्र संदेश देने के लिए सत्संग सभाएं, बौद्धिक गोष्ठियां एवं रंगारंग मिलन समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इस हेतु बृहद सत्संग कार्यक्रम 30 मार्च को करीलाधाम में एकादशी संकीर्तन के तहत रखा गया है। इसमें भारी संख्या में भक्तजन हिस्सेदारी करेंगे। 24मार्च को होली दहन के अवसर पर हिउस कार्यकर्ता करीब एक सैकड़ा स्थानों पर होली के दिन सांप्रदायिक सौहार्द सद्भाव का संदेश देंगे। 25 मार्च को धुलेंडी के दिन रंग गुलाल के तहत तिलक होली का संदेश सार्वजनिक स्तर पर दिया जाएगा। 30 मार्च को रंगपंचमी के दिन अंचल व शहर में युवा वर्ग में शालीन होली खेलने का निवेदन किया गया है।
पुष्टिमार्गीय केंद्रों पर फागोत्सव की धूम
अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद के तहत पुष्टि भक्ति केंद्रों पर 40 दिवसीय फागोत्सव मनाया जा रहा है। बसंत पंचमी के साथ शुरू हुआ फागोत्सव धुलेंडी तक जारी रहेगा। इस अवसर पर भगवान कृष्ण के साथ भक्तगण ब्रज भावना के अनुसार लगातार 40 दिनों तक होली के रंग में सरोबार रहते हैं। श्रीनाथ जी के मंदिरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों होली के रसिया की धूम मची हुई है।
षडयंत्रकारी तत्वों से सावधान रहे समाज- कैलाश मंथन*
गुना। समग्र हिन्दू समाज को विघटनकारी तत्वों से सावधान रहने की जरूरत है। विराट हिन्दू उत्सव समिति चिंतन मंच के प्रमुख कैलाश मंथन ने कहा कि जयचंद कहीं ओर नहीं समाज में ही व्याप्त है। जो अपनी षडयंत्रकारी हरकतों से समय-समय पर समग्र समाज में अपने राजनैतिक स्वार्थों के खातिर वैमनस्यता पैदा करते हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर हिन्दू उत्सव समिति के नाम से गैर आयोजन की एक पोस्ट प्रसारित की जा रही है। उपरोक्त विषय में पूर्व में भी इसी तरह की हरकतें की जाती रही हैं। जिनका उत्तर समय-समय पर उन तमाम षडयंत्रकारियों को दिया जाता रहा है। उपरोक्त कार्यक्रम से हिन्दू उत्सव समिति का कोई लेना देना नहीं है। पिछले दो दशक से हिन्दू उत्सव समिति का कार्यक्षेत्र अब विराट हिन्दू उत्सव में तब्दील होने से हिउस की लोकप्रियता को फायदा शहर के चुनिंदा धन्ना सेठ एवं उनसे जुड़े तमाम चमचे उठाना चाहते हैं। इतिहास इस बात का गवाह है कि हिउस के नाम पर आज तक कोई चंदा वसूली नहीं की गई है। लेकिन गैर एवं अन्य जुलूसों के नाम पर शहर के चंद धन्ना सेठ एवं समाजसेवा के नाम पर विघटनकारी तत्व सक्रिय हैं। पूर्व में उनके द्वाराद्वारा हिउस के नाम पर चंदा बटोरा गया था। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन के मुताबिक विध्नसंतोषी तत्वों को समय पर सबक सिखाया जाएगा।
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