प्रशासन इस ओर विशेष ध्यान दें
प्रशासन इस ओर विशेष ध्यान दें
गुना - घुमंत्री सम्वाददाता को पीड़ित, शोषित एवं गरीबों से मिली जानकारी वर्तमान में दैनिक देखने में आ रहा है कि कोर्ट में हजारों लाखों चेक के केस पड़े हुए जिनका निपटारा नहीं हो पाता है कारण कि इनमें अनेक बैकसूरों के भी चेक लगे हुए हैं जो मजबूरी वश 10,000 से 50,000 रुपए के बीच में काम धंधे के लिए लें लेते हैं काम धंधा न चलने की स्थिति में पैसे वापस नहीं कर पाते ऐसे लोगों को वह ब्लैंक चेक देते हैं जिस पर कोई राशि नहीं लिखी होती केवल साइन कर के दे देते हैं जिसका परिणाम यह निकलता है कि जिसे चेक दिया जाता है वह मनमर्जी से लाखों रुपए भरकर कोर्ट में लगा देते। जिसका परिणाम निकलता है कि अनेक बैकसूर जेल जाते हैं जबकि उन चेकों की फोरेंसिक जांच कराई जाए तो पता चलेगा कि वाकई में हैंडराइटिंग मैच नहीं कर रही, ऐसे लोगों पर प्रशासन यदि दवाब डालें तो पता चलेगा कि वाकई में सामने वाले को 10,000, 20,000 ही दिए गए हैं और वसूली लाखों में कि जा रही है।
जबकि जो लोग पैसे देते हैं उनके पास पैसे बांटने का लायसेंस तक नहीं होता,ऐसे लोग 40-50 प्रतिशत ब्याज के लालच में लोगों को फंसा लेते हैं और वसूली लड़कर, मारपीट करके, कानूनी दवाब बनाकर करते हैं जिसका परिणाम यह निकलता है कि अनेक लोग आवाज नहीं उठा पाते और परिवार सहित आत्महत्या कर लेते हैं। बाद में प्रशासन यह कहकर पल्ला झाड़ लेता है कि लेन-देन की वजह आत्महत्या की गई।
प्रत्येक जिले में सर्वोच्च न्यायाधीश जिला कलेक्टर अथवा मध्यप्रदेश में राज्यपाल, एवं मुख्यमंत्री होते हैं। कृपया कोर्ट को जांच के आदेश दिए जाएं। एवं जिन चेकों पर ओवर राइटिंग है उन्हें खारिज किए जाएं जिससे गरीब लोग इन सब से बच सकें। क्योंकि एक गरीब ही होता है जो मजबूरी वश पैसे लेता और लोटा नहीं पता।
कोई टिप्पणी नहीं