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कोर्ट में मानहानि तक पहुंची नपाध्यक्ष और उपाध्यक्ष की लड़ाई

कोर्ट में मानहानि तक पहुंची नपाध्यक्ष और उपाध्यक्ष की लड़ाई

नपाध्यक्ष ने अपने पति के साथ न्यायालय जेएमएफसी में किया परिवाद दायर


गुना- नगरपालिका अध्यक्ष सविता अरविंद गुप्ता और नपा उपाध्यक्ष धरम सोनी के बीच चली आ रही आरोप-प्रत्यारोप की लड़ाई और आपसी खींचतान अब कोर्ट में मानहानि तक पहुंच गई है। मंगलवार को नपाध्यक्ष सविता गुप्ता एवं उनके पति अरविंद अपने अभिभाषक मनोज श्रीवास्तव के साथ जिला न्यायालय पहुंचे। यहां उन्होंने न्यायालय जेएमएफसी के कोर्ट में परिवाद दायर कर नपा उपाध्यक्ष द्वारा बार-बार लगाए जा रहे आरोपों को मानहानि के तहत मामला दर्ज कराने की मांग की। यहां यह उल्लेखनीय है कि नगरपालिका में नपाध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष दोनों ही भाजपा खेमे में से हैं। जिनकी बीच लंबे समय से तल्खी बनी हुई है। नपा उपाध्यक्ष श्री सोनी द्वारा नपाध्यक्ष (नपाध्यक्ष पति) पर भ्रष्टाचार से लेकर नपा में मनमानी करने के आरोप लगा चुके हैं। वहीं नपाध्यक्ष श्रीमती गुप्ता नपा उपाध्यक्ष के इन आरोपों को बेबुनियादी और निराधार बताते हुए बार-बार मानहानि का केस लगाने की हिदायत देती रही। आखिरकार मंगलवार को उन्होंने अपने वकील के माध्यम से जेएमएफसी न्यायालय में परिवाद दायर किया।

जिसके अनुसार उन्होंने न्यायालय को बताया कि वह निर्वाचित महिला पार्षद एवं नपाध्यक्ष हैं। शहर में उनका मान, सम्मान है। लेकिन नपा उपाध्यक्ष पर पदस्थ धर्मेन्द्र सोनी उर्फ धरम किसी न किसी बात को लेकर परिवादिया एवं उनके पति अरविन्द गुना से विवाद कर तथा भ्रष्टाचार एवं गुण्डागर्दी तथा अन्य ऐसे झूठे आरोप लगाता रहता है। उन्हें विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित कराता है। जबकि धरम सोनी द्वारा लगाए गए सभी आरोप वास्तविकता से परे है। धरम सोनी द्वारा लगाए गए आरोपों से फरियादिया का जो मान समान नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में गुना में है, उस मान ओर सम्मान की हानि हुई है। वहीं उन्हें मानसिक पीड़ा भी हुई। जिसके लिए उपाध्यक्ष सोनी उर्फ धरम दायित्वाधीन हो गए हैं। न्यायालय में दिए परिवाद में नपाध्यक्ष ने बताया कि परिवादिया एवं उनके पति अरविन्द गुप्ता द्वारा व्यक्तिगत रूप से अभियुक्त को कई बार समझाया गया किन्तु वह परिवादिया की मान हानि करने से परहेज नहीं कर रहे हैं। इसके बावजूद वह आए दिन विभिन्न समाचार पत्रों में नपाध्यक्ष के विपरीत मानहानि जनक समाचार का प्रकाशन करा रहा है। जिसके चलते उन्हें मजबूरन न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। इसके पूर्व उन्होंने कैंट थाने में भी आवेदन देकर नपा उपाध्यक्ष पर मानहानि के तहत मामला दर्ज करने की मांग की।

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