देश के लिए मर मिटना है सच्चा धर्म है: कैलाश मंथन
देश के लिए मर मिटना है सच्चा धर्म है: कैलाश मंथन
जिला जेल में गीता जयंती पर हुआ भव्य कार्यक्रम, निशुल्क गीता वितरण का हुआ शुभारंभ
गुना ,अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद मध्य प्रदेश ,निशुल्क गीता प्रचार मिशन भारत , नारी शक्ति चिंतन मंच, विराट हिंदू उत्सव समिति के तहत गीता जयंती पर भव्य कार्यक्रम हुए जिला जेल में हुए कार्यक्रम के दौरान अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्ग परिषद मध्य प्रदेश के प्रांतीय मीडिया प्रभारी एवं जिला अध्यक्ष कैलाश मंथन ने सैकड़ो कैदियों को संबोधित करते हुए कहा कि में श्रीमद् भगवद गीता से प्रेरणा लेकर हम अपने जीवन को सही रास्ते पर लाकर अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं । कार्यक्रम के दौरान अधीक्षक ,जेलर ,एवं जेल शिक्षक को सम्मान पत्र एवं श्रीमद् भागवत गीता की प्रतिज्ञा भेंट कर निशुल्क गीत वितरण के 36 वें दौर का शुभारंभ किया गया । गीता का सार बताते हुए श्रीमंथन ने कहा सरकार देश के प्रत्येक सैनिक के पास एवं घर-घर में गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ का दर्जा देते हुए स्थापित करवाएं तभी आतंकवाद पर काबू पाया जा सकता है।इस मौके पर हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने कहा कि विश्व साहित्य में श्रीमद् भगवद गीता ही एक मात्र ऐसा दर्शन विज्ञान है जो मृत्यु का भय दूर करता है, कर्मपथ पर लगाता है, ज्ञान, भक्ति वैराग्य की त्रिवेणी है श्रीमद् भगवद् गीता। जीवन संग्राम में श्रीमद् भगवद् गीता प्रकाश स्तंभ की तरह मानव जाति को मार्ग निर्देशित करती है। विषादमय जीवन में गीता के विचार आत्मबल प्रदान करते हैं। गीता जयंती के अवसर पर विराट हिन्दू उत्सव समिति के अध्यक्ष कैलाश मंथन ने कहा कि श्री मद् भगवद् गीता राष्ट्रधर्म, देशहित के लिये जीना एवं मर मिटना सिखाती है। दु:खमय जीवन में भी विचलित ना होना सिखाती है गीता। गीता के विचार आत्मसात करके ही सुख और शांति की प्राप्ति की जा सकती है। गीता ऐसे समय में सुनाई गई जब महाभारत का भीषण संग्राम चल रहा था। रक्त की नदियां बहाई जा रही थीं। भगवान श्रीकृष्ण ने शांत मन से अर्जुन रूपी भारत को आत्मज्ञान से भरपूर मोवक्ष प्राप्ति का सरल साधन बतलाया। वेद, शास्त्रों में वर्णित ज्ञान, कर्म, भक्ति का सार समझाया। कार्यक्रम के अंत में आभार जेलर ने माना।
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