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24 दिसंबर को भव्यता से मनाई जाएगी गुंसाई जी की 510 वीं जयंती

 24 दिसंबर को भव्यता से मनाई जाएगी गुंसाई जी की 510 वीं जयंती

पुष्टिभक्ति केंद्रों पर होंगे दो दिवसीय कार्यक्रम

श्री विट्ठलनाथ जी के प्रयासों से मुगलकाल में गौवध, वानर एवं मोर के शिकार पर प्रतिबंध लगा- कैलाश मंथन


गुना। मध्य मुगलकाल में भगवान बालकृष्ण की पुष्टि भक्ति की अलख जगाने वाले पुष्टिमार्ग के आधार स्तंभ गुसांई श्री विट्ठलनाथ जी के 510 वे प्राकट्योत्सव पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। परिषद के प्रांतीय प्रचार प्रमुख कैलाश मंथन ने मुताबिक पुष्टिमार्गीय केंद्रों पर 23 एवं 24 दिसंबर को आयोजित कार्यक्रमों के दौरान अखंड नामजप, प्रभातफेरी, विशेष मनोरथ, पलना महोत्सव, तिलक आरती आदि कार्यक्रम भव्यता से संपन्न होंगे। श्रीनाथ जी मंदिर गुना में 24 दिसंबर को प्रात: प्रभातफेरी शहर के प्रमुख मार्गों निकाली जाएगी। वहीं अंचल के 250 ग्रामों एवं अन्य पुष्टिमार्गीय भक्ति केंद्रों, सत्संग मंडलों सहित अंचल में श्री गुंसाई जी की जयंती पर विशेष उत्सव संपन्न होंगे। ध्यान रहे अंचल में पुष्टि भक्ति केंद्रों से जुड़े ढाई लाख से अधिक श्रीकृष्ण भक्त पुष्टिमार्ग वैष्णव संस्थानों से जुड़े हैं।

परिषद के प्रांतीय प्रचार प्रमुख कैलाश मंथन ने बताया कि मुगल काल में जब सनातन धर्म पर प्रहार किए जा रहे थे ऐसे विपरीत समय में श्रीमद् विट्ठलनाथ जी ने भक्ति मार्ग पर चलकर सनातन हिन्दू संस्कृति को स्थिर रखने में बड़ा योगदान दिया। संवत 1572 में पौष कृष्ण नवमीं को श्री महाप्रभु के श्रीमद् वल्लभाचार्य के यहां श्री विट्ठलनाथ जी ने जन्म लिया था। अविरल धर्मप्रचार करते हुए सत्तर वर्ष की आयु में संवत 1642 में अपने बड़े सुपुत्र गिरधर जी को उपरना देकर आप श्री सदेह श्री गिरिराज जी की कन्दरा में प्रवेश कर इह लोक लीला से संवरण कर गए। आपके द्वारा श्रीमद् भागवत सुबोधनी पर टीका, विद्वन मंडल नामक ग्रंथ में शुद्धाद्वैत का प्रतिपादन करते हुए गीताजी पर चार ग्रंथ प्रथम अध्याय का तात्पर्य, गीता तात्पर्य, गीता हेतु, न्यायादेश विवृत्ति की रचना सहित संगीतमय अनेकों पदों एवं स्त्रोतों की रचना की। आपकी कुश्ती, घुड़सवारी, चित्रकला, संगीत इत्यादि में बहुत रूचि थी। श्री गोसाई जी के प्रयासों से ही मुगल काल में गोवध, वानर एवं मौर की मोर की हत्या पर प्रतिबंध लगाया गया था ।अंचल के समस्त पुष्टिमार्गीय केंद्रों पर दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत अखंड जाप, प्रभात फेरी, पलना महोत्सव, राजभोग, तिलक आरती भव्यता से संपन्न होगी। वहीं भौंरा ग्राम में श्री वल्लभाश्रय सदन में गोस्वामी श्री मिलन कुमार जी की उपस्थिति में 26 दिसंबर तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।  अंचल में 36 वें दौर में निशुल्क 36000 श्रीमद् भगवद्गीता के वितरण का कार्य संपूर्ण होगा।

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