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गृहमंत्री के बयान के विरोध में कांग्रेस ने निकाला पैदल मार्च

नारों से गूंजा गुना-अम्बेडकर का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान, अमित शाह मुर्दाबाद

गृहमंत्री के बयान के विरोध में कांग्रेस ने निकाला पैदल मार्च

जयवर्धन सिंह बोले- अमित शाह गृहमंत्री पद के लायक नहीं राहुल-खडग़े को फंसाने भाजपा सांसदों ने किया नाटक


गुना- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में संविधान निर्माता और भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस ने मंगलवार को पैदल मार्च निकाला। गुना के अम्बेडकर चौराहा से शुरु हुआ पैदल मार्च हनुमान चौराहा होते हुए अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय पहुंचा, जहां एसडीएम शिवानी पांडे को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया।

पैदल मार्च के दौरान कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने संविधान विरोधी मानसिकता का आरोप लगाते हुए अमित शाह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जोशीले अंदाज में नारेबाजी की गई। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारे लगाते हुए कहाकि बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का अपमान हिंदुस्तान कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। पैदल मार्च में शामिल कार्यकर्ताओं ने अमित शाह मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह ने दो टूक कहा कि अमित शाह का बयान यह प्रदर्शित करता है कि वे गृहमंत्री पद पर रहने लायक नहीं है। उन्होंने कहाकि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह का इस्तीफा स्वीकार नहीं करते हैं तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी संविधान पर भरोसा नहीं करती है। जयवर्धन सिंह ने कहाकि केंद्रीय गृहमंत्री की टिप्पणी कांग्रेस कभी सहन नहीं करेगी। जिस प्रकार की अपमानित करने वाली भाषा देश के गृहमंत्री ने उपयोग की है, उसके खिलाफ पूरा देश मुखर है। अमित शाह को देश से माफी मांगना चाहिए और तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के निर्देश पर निकाले गए पैदल मार्च की शुरुआत करते हुए जयवर्धन सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अनुशासित रहकर चलने के निर्देश दिए। अधिकांश कांग्रेस कार्यकर्ता जिला कांग्रेस अध्यक्ष मेहरबान सिंह की अगुआई में बाबा साहब के चित्र लेकर चल रहे थे। 

भाजपा ने संसद में षड्यंत्र किया

कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी पर संसद के भीतर षड्यंत्र करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहाकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगेे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अमित शाह के बाबा साहब पर दिए गए बयान का विरोध किया तो भाजपा के दो सांसदों ने नाटक किया कि उन्हें चोट आई है। कांग्रेस नेताओं की आवाज दबाने के लिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई। यही भाजपा का असली चेहरा है।

यूक्रेन युद्ध बंद करवा दिया, लेकिन डीएपी नहीं ला सके

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस ने देशभर में व्याप्त डीएपी और यूरिया संकट का मुद्दा भी उठाया। जयवर्धन सिंह ने कहाकि भाजपा के लोग मोदी को यूक्रेन-रूस युद्ध में संधि करवाने का श्रेय दे रहे हैं। लेकिन वही मोदी यूक्रेन से डीएपी नहीं लगा सके। जाहिर है भाजपा गुमराह कर रही है। वही नहीं चाहती कि किसानों का भला हो और वे सम्पन्न हो सकें।

गुना में सिद्ध हुई खाद की कालाबाजारी

राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के दौरान जयवर्धन और कांग्रेस ने गुना एसडीएम को खाद की कालाबाजारी के संबंध में भी ध्यान आकर्षित कराया है। जयवर्धन ने बताया कि उन्होंने हाल ही में एक किसान द्वारा मंडी सचिव के रिश्तेदार और गोदाम प्रभारी को पैसे देकर खाद लेने के संबंध में बात की थी। जिस पर एसडीएम ने बताया कि कर्मचारी ने पैसे वापिस कर दिए हैं। इससे प्रमाणित होता है कि खाद की कालाबाजारी हुई, भ्रष्टाचार हुआ है। डीएपी और यूरिया की कालाबाजारी का ऐसा खेल मध्यप्रदेश में पहले कभी नहीं देखा गया। वितरण करने वालों ने अपना दायित्व नहीं निभाया है। उल्टा कर्मचारी पैसा कमाने में लगे रहे। इसके लिए सीधा जिला प्रशासन, कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री दोषी हैं। इन लोगों को एक-एक किसान से माफी मांगना चाहिए।

सिंधिया और दिग्विजय के बाद पन्नालाल सबसे ज्यादा चर्चित

गृहमंत्री अमित शाह के बयान का समर्थन कर चुके गुना विधायक पन्नालाल शाक्य के रवैये पर जयवर्धन सिंह ने हैरानी जताई है। उन्होंने चुटीले अंदाज में कहाकि पन्नालाल शाक्य शायद जिले में सिंधियाजी, दिग्विजय जी के बाद सबसे ज्यादा चर्चित नेता हैं। हालांकि वे अपने बयानों से खुद की ही पार्टी को कठघरे में खड़ा कर देते हैं। जयवर्धन ने गुना विधायक से पूछा कि उन्हें स्वयं आरक्षण का अधिकार मिला है, क्या वह नियम और संविधान व अम्बेडकर की देन नहीं है? जयवर्धन ने विधायक पन्नालाल को भी माफी मांगने की नसीहत दी है। साथ ही कहा है कि पन्नालाल भी अपनी पार्टी के केंद्रीय गृहमंत्री से यह जरूर पूछें कि वे ऐसे बयान क्यों दे रहे हैं? धीरे-धीरे यह बात जनता के बीच जा रही है कि भाजपा अधिकृत रूप से संविधान पर भरोसा नहीं करती है।

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