भव्यता से मनी गुंसाई जी की जयंती, पुष्टिभक्ति केंद्रों पर दो दिवसीय कार्यक्रम संपन्न
भव्यता से मनी गुंसाई जी की जयंती, पुष्टिभक्ति केंद्रों पर दो दिवसीय कार्यक्रम संपन्न
मुगलकाल में विट्ठल नाथ जी ने सनातन धर्म की रक्षा की- कैलाश मंथन
निशुल्क गीता वितरण के साथ हुआ कार्यक्रम संपन्न
गुना शहर एवं बमोरी क्षेत्र के 127 भक्ति केंद्रों पर हुए भव्य कार्यक्रम
गुना। मध्य भारत अंचल में श्री विट्ठलनाथ गुंसाई के 510 वे प्राकट्योत्सव पर जिले के पुष्टिमार्गीय केंद्रों एवं सत्संग मंडलों में दो दिवसीय नाम संकीर्तन, वार्ता सत्संग ,पालना-नंद महोत्सव. जलेबी महोत्सव .तिलक आरती आदि कार्यक्रम संपन्न हुए । श्री गोसांई जी की जयंती उमंग एवं उल्लास के साथ पुष्टिमार्गीय भक्ति केंद्रों पर मनाई गई। पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद के प्रांतीय प्रचार प्रमुख कैलाश मंथन ने बताया कि भक्ति केंद्रों पर सुबह से ही अखंड जाप के साथ नंद महोत्सव मनाया गया। इस दौरान भगवान को पालना झुलाने के साथ-साथ तिलक आरती की गई। जिले के भौंरा ग्राम के स्थित वल्लभ सदन मंदिर में भी वैष्णवजनों ने गुसांईजी की जयंती धार्मिक रीति-रिवाजों व उल्लास उमंग के साथ मनाई । शहर के चिंतन हाउस में भी गुंसाई जी पर केंद्रितवार्ता प्रसंग में वैष्णवों के बीच अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद के प्रांतीय प्रचार प्रमुख कैलाश मंथन ने बताया कि मुगल काल में जब सनातन धर्म पर आघात किए जा रहे थे उस समय पौष कृष्ण नवमी संवत 1572 में जन्में श्री विट्ठलनाथजी ने पुष्टिभक्ति के द्वारा धार्मिक क्रांति पैदा की थी। उन्होंने अकबर जैसे शासक को भी भारतीय धर्म, संस्कृति के प्रति नतमस्तक कर दिया था। बादशाह के प्रमुख नवरत्न बीरबल, तानसेन, राजा मानसिंह, टोडरमल एवं महान साहित्यकार रसखान, अष्टछाप के प्रसिद्घ कवि सूरदास एवं अन्य महाकवि श्री विट्ठलनाथ जी के सानिध्य में रहे व सनातन संस्कृति को संरक्षित किया। उन्होंने कहा श्री विट्ठलनाथ के प्रयासों से मुगलकाल में गौवध, वानर एवं मोर आदि के शिकार पर प्रतिबंध लगाया गया। श्रीनाथजी सहित ठाकुरजी के अन्य सात स्वरूपों की स्थापना के बाद पुष्टिभक्ति के प्रचार के लिए सात गद्दियां अपने वंशजों के सुपुर्द की। श्री मंथन ने बताया कि गुंसाईजी के शिष्यों की गाथा 252 वैष्णवों की वार्ता में भी संकलित हैं।उन्होंने बताया कि गुसांईजी ने करीब 50 ग्रंथों, स्त्रोतों एवं टीकाओं का सृजन किया। इस मौके पर पुष्टिमार्गीय परिषद के तहत ग्राम बमोरी, फतेहगढ़ क्षेत्र, भौंरा, भिडरा, रतनपुरा, परवाह, बने, ऊमरी, लॉलोनी, बागेरी, मगरोड़ा क्षेत्र सहित जिले के मधुसूदनगढ़, कुंभराज, बीनागंज, राघौगढ़, बमोरी क्षेत्र के 127 ग्रामों में सत्संग मंडलों में हुए कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में वैष्णवजन शरीक हुए।
*निशुल्क गीता वितरण संपन्न
अंतर्राष्ट्रीय निशुल्क गीता वितरण मिशन एवं नारी शक्ति चिंतन मंच भारत के तहत निशुल्क गीता वितरण किया गया कार्यक्रम संयोजक संस्थापक कैलाश मंथन ने बताया अब तक भारत के 13 प्रांतों में करी़व डेढ लाख एवं अंचल में 36000 गीता निशुल्क की गई है। गीता मौत का भय दूर करती है एवं निष्काम कर्म योग के द्वारा अपने लक्ष्य को प्राप्त कराती है ।
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