मानवाधिकारों की रक्षा करते हैं गीता के विचार-कैलाश मंथन*
मानवाधिकारों की रक्षा करते हैं गीता के विचार-कैलाश मंथन*
मानवाधिकारों की रक्षक है श्रीमद् भगवद् गीता- कैलाश मंथन*
गीता जयंती पर पर बौद्धिक कार्यक्रम संपन्न*
देश के 13 प्रमुख प्रांतों में सवा लाख निशुल्क गीता की प्रतियां वितरित हुई
गुना। श्रीमद् भगवद् गीता मानवाधिकारों की व्याख्या करती है। गीता के विचार मानव धर्म की ज्योति जाग्रत करते हैं। गीता का दर्शन मानव मात्र के लिए पथ प्रदर्शक हैं
। पांच दिवसीय गीता जयंती क शुभारंभ के दौरान अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद के प्रांतीय प्रचार प्रमुख कैलाश मंथन ने व्यक्त किए। श्री मंथन ने कहा कि श्रीमद् भगवद् गीता भारतीय दर्शन शास्त्र की अमूल्य धरोहर है। मानव मात्र के कल्याण के लिए गीताजी के विचार जीवन जीने की कला सिखाते हैं। श्री मंथन ने कहा कि द्वापर में जब अत्याचारी शासकों ने मानवाधिकारों का हनन किया, अबला द्रोपदी का चीरहरण हुआ तब भगवान कृष्ण ने अन्याय का साथ देने वाले भीष्म पितामह, गुरु द्रोणाचार्य एवं आत्यायी दुर्योधन का वध कराने में भी परहेज नहीं किया।
गीता जयंती पखवाड़े के अवसर पर सर्राफा बाजार स्थित चिंतन हाउस में बौद्धिक कार्यक्रम के दौरान विराट हिन्दू उत्सव समिति के अध्यक्ष कैलाश मंथन ने व्यक्त किए। इस मौके पर जिला जेल गुना में हुए गीता जयंती आयोजन के अवसर कैलाश मंथन ने कहा कि जीवन संग्राम में श्रीमद् भगवद् गीता प्रकाश स्तंभ की तरह मानव जाति को मार्ग निर्देशित करती है। विषादमय जीवन में गीता के विचार आत्मबल प्रदान करते हैं। श्री मंथन ने कहा कि श्री मद् भगवद् गीता राष्ट्रधर्म, देशहित के लिये जीना एवं मर मिटना सिखाती है। दु:खमय जीवन में भी विचलित ना होना सिखाती है गीता। गीता के विचार आत्मसात करके ही सुख और शांति की प्राप्ति की जा सकती है। गीता ऐसे समय में सुनाई गई जब महाभारत का भीषण संग्राम चल रहा था। रक्त की नदियां बहाई जा रही थीं। भगवान श्रीकृष्ण ने शांत मन से अर्जुन रूपी भारत को आत्मज्ञान से भरपूर मोक्ष प्राप्ति का सरल साधन बतलाया। वेद, शास्त्रों में वर्णित ज्ञान, कर्म, भक्ति का सार समझाया। उल्लेखनीय है कि चिंतन मंच के तहत नि:शुल्क गीता वितरण के 35 दौर पूरे हो चुके हैं।इस अवसर पर श्री गोपाल मंदिर नयापुरा मंदिर से गुना अंचल में नि:शुल्क गीता वितरण का 36वां दौर आरंभ हुआ। अब तक 35 हजार नि:शुल्क गीताजी का वितरण हो चुका है। कार्यक्रम के दौरान नारी शक्ति का जय मां अंबे सम्मान पत्र एवं गीता भेंट कर सम्मानित किया गया। अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की ओर से समाजसेवी कैलाश मंथन का शास्त्री एवं तुलसी माला से सम्मानित किया गया।वहीं देश के 13 प्रांतों मध्य प्रदेश ,पश्चिम बंगाल, गुजरात ,उत्तर प्रदेश, हरियाणा कुरुक्षेत्र, दिल्ली ,उत्तरांचल, उत्तराखंड हरिद्वार, मालवा अंचल, छत्तीसगढ़ ,उड़ीसा, झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान हाडोती मारवाड़, बिहार आदि राज्यों में 108 नारी शक्ति चिंतन मंच की प्रचारकों द्वारा अब तक सवा लाख निशुल्क गीता वितरण की जा चुकी हैं ।
विराट हिंदु उत्सव समिति ने समिति ने गीता जयंती पर किया नारी शक्ति का सम्मान .
गोपाल मंदिर नयापुरा में गीता जयंती पर हुआ संकीर्तन.
गुना,गीता जयंती के अवसर पर गोपाल मंदिर में अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन द्वारा संकीर्तन रखा गया अंतर्राष्ट्रीय निशुल्क गीता प्रचार मिशन भारत के संस्थापक आदरणीय श्री कैलाश मंथन जी का स्वागत और सम्मान श्रीफल और साल तुलसी माला से किया गया । इस अवसर पर अपने उद्बोधन मे नारी शक्ति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए गीता जी के बारे में सब को समझाया। सभी सक्रिय महिलाओं को नारी शक्ति को विराट हिंदुस्तान समिति के अध्यक्ष कैलाश मंथन ने जय मां अंबे सम्मान पत्र दिए । अंत में प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित गीता प्रचार मिशन की प्रांतीय प्रचारिका श्रीमती उषा विजयवर्गीय, मारवाड़ी महिला सम्मेलन की अध्यक्ष अंतिमा बंसल ,मालती मित्तल शशि खंडेलवाल ,रीता महेश्वरी, नीता तिवारी ,स्वीटी शर्मा ,उपमा राठी प्रांतीय उपाध्यक्ष,शोभा रघुवंशी,निरुपमा, निशा रघुवंशी, सुमन श्रीवास्तव, उर्मिला शर्मा ,सभी नारी शक्ति का सम्मान किया गया। इस अवसर पर उपस्थित सभी सक्रिय महिलाओं को मां अंबे सम्मान पत्र एवं श्रीमद् भगवद् गीता की प्रतियां वितरण की गई। मारवाड़ी महिला मंडल कीर्तन कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम का संचालन श्रीमती ऊषा विजयवर्गीय ने किया। (अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन गुना)
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