पॉलिथिन-प्लास्टिक, फौम के अलाव से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा
पॉलिथिन-प्लास्टिक, फौम के अलाव से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा
आगरा -बढता प्लास्टिक, पॉलिथिन आदि का प्रदूशण सभी प्रकार से हांनिकारक सावित हो रहा है तथा देष में आमतौर पर सर्दियों में ठंड से बचने के लिऐ आमजन बसस्टैंड, मुहल्लों, चौराहे, वाहन वर्कषोप आदि स्थानांे पर प्लास्टिक, पॉलिथिन, फौम, रगैजिन, चमडा, जूते व चप्पल, टायर, ट्यूब आदि का अलाव लगाना जीवों व पर्यावरण के लिऐ घातक है इससे उत्सर्जित सैकडों तरह के डाईऔक्सिंस तथा फ्यूरौंस जहरीले रसायन, कार्बनमोनो ऑक्साईड, सल्फर डाईऔक्साईड, कार्बन व धातु कण, बैंनजीन, बाईफिनायल आदि का मिश्रित जहरीला प्रदूषण मनुश्य व जीवों के खून खराब करने, मानसिक रोग, अस्थमा, हृदय रोग, सभी प्रकार के कैंसर व गर्भ में पल रहे बच्चे में विकृति लाने के लिए दोशी है और धातुओं सीसा, टाटेनियम, वैनेडियम, क्रोमियम, निकिल आदि के पीएम 10/2.5 कण व जहरीले धुऐं के वायु प्रदूषण के कारण प्रति बर्ष विष्व में करीब 81 लाख व भारत में करीब 21 लाख (प्रतिदिन करीब 5800) से अधिक लोगों की मौत हो रहीं हैं इस जहरीले प्रदूशण से देष के कई षहरों में आपातकाल जैसी स्थिति का सामना करना पडता है। जलती एक किलोग्राम पौलिथिन, प्लास्टिक या रबर से करीब 6 किलोग्राम कार्बन डाईऑक्साईड ग्रीनहाउस गैसों व 150 ग्राम धातुईय सूक्ष्म कणों का उत्सर्जन बीमारियों को बढाने के साथ ही ग्लोबल बार्मिग को भी बढा रहा है जो कि भीशण सर्दी, बाढ व सूखा जैसी असमय आपदाओं का कारण है ।
आमजन में पर्यावरण व स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने निस्वार्थ-स्वाधीन, पर्यावरण व सामाजिक कार्यकर्ता सुचेताहम्बीर सिंह द्वारा कुलदीपिका सिंह मैमोरियल पर्यावरण जागरुकता अभियान के तहत हांनिकारक रबर, प्लास्टिक, पॉलिथिन आदि का अलाव निशेध के लिऐ आमजन को आगरा कैंट स्टेषन, रामबाग चौराहा, सौ फुटा, भगवान टाकीज, दयालबाग, खंदारी, टेडी बगिया चौराहा, रावतपाडा, षाहदरा, ट्रांसयमुना कालोनी, सिकंदरा, बेलनगंज, नरायच, षासकीय माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय सिकंदरा, नगला धनी, नगला रामबल, नुनिहाई, लंगडा की चौकी, षाहदरा, बाबरपुर ककरेठा; स्टूअर्ट वार्ड मैमोरियल उ.मा. विद्यालय सिकंदरा, श्री भोलानाथ गुलाबचंद विद्या मंदिर जूनियर हाईस्कूल षाहदरा तथा अस्पतालों, बस स्टेंड, सब्जी बाजार आदि स्थानों पर सभाऐं, पोस्टर वितरण व चस्पा करके हांनिकारक प्लास्टिक, पॉलिथिन, रबड आदि का अलाव न लगाने तथा महिलाओ को चूल्हे में पॉलिथिन को न जलाने व पॉलिथिनों के उपयोग को बंद करने के लिए अक्टूबर से निरंतर प्रतिदिन सैकडों लोगों को जागरुक किया जा रहा है इस अभियान से देष के विभिन्न भागों में लाखों महिलाऐं, बच्चे व लोग इस जहरीले प्रदूशण, स्वास्थ्य व पर्यावरण स्वच्छता के प्रति सचेत हो रहे हैं। इस अभियान से षहरी जहरीले प्रदूशण को आसानी से रोका जा सकता है। षहरों और औधोगिक क्षेत्रों के आसपास के आमजन सूरज निकलने से पहले सुबह की सैर न करें, सर्दी के मौसम में रसायनिक प्रदूशित कण पीएम 10/2.5 व नैनो कणों का घनत्व जमीनी सतह से कुछ ही ऊपर का कोहरा किसी भी व्यक्ति को बीमार कर सकता है।
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