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कुपोषण मुक्त गांव बनाने सामुदायिक समूहों की है अहम भूमिका

कुपोषण मुक्त गांव बनाने सामुदायिक समूहों की है अहम भूमिका 


जनजातीय समुदाय के स्वास्थ्य, खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए सामुदायिक समूहों को मिला प्रशिक्षण 



गुना/बमोरी । खाद्य एवं पोषण सुरक्षा में सामुदायिक समूह एवं वैधानिक समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका है वंचित समुदाय के लोगों की साल भर की खाद्य सुरक्षा और पोषण सेवाओं से जुड़ाव के लिए सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाने के लिए विभागीय समन्वय और सहयोग आवश्क है । उक्त विचार सामाजिक कार्यकर्ता रामकुमार विद्यार्थी ने व्यक्त किए स्वयं सेवी संस्था विकास संवाद समिति द्वारा बमोरी ब्लॉक के 30 गांव मे संचालित दस्तक परियोजना के तहत युवा,महिला समूहों का एक दिवसीय ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया । इस आयोजन मे 30 गांव के 80 सदस्यों व विभागीय अमले ने हिस्सा लिया दस्तक परियोजना के तहत सहरिया आबादी बाहुल्य गांव में बच्चों में होने वाले कुपोषण, किशोरियों व महिलाओं में एनीमिया की चुनौतियों से निपटने के लिए समन्वित रणनीति के तहत पोषण सम्वेदी कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इस विषय में जिला समन्वयक  मंगेश सोनी ने बताया कि  सहरिया जनजातीय समुदाय के स्वास्थ्य,पोषण एवं खाद्य सुरक्षा को बेहतर बनाने में ग्राम स्तरीय युवा, महिला, बाल एवं किशोरी समूह के सदस्यों को नेतृत्व एवं निगरानी हेतु सशक्त किया जा रहा है । इसी क्रम में बमोरी जनपद के सभागार मे एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया । इस प्रशिक्षण में महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना प्रभारी शारदा डाबर, प्रदीप शर्मा बीपीएम स्वास्थ्य, डॉ. नीरज भदौरिया किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, पशु पालन विभाग से डॉ. उमेश सिंह रघुवंशी, पंचायत विकास विभाग के राकेश रजक एवं विकास संवाद के जिला समन्वयक मंगेश सोनी, विकास मित्र कृपाल सिंह, ललित लोधा,भावना प्रजापति, दीपक श्रीवास्तव तथा सिनर्जी संस्था से दीपक अग्रवाल उपस्थित रहे । इस प्रशिक्षण में युवा, महिला समूह के प्रतिनिधियों को खाद्य, पोषण एवं स्वास्थ्य सेवा सहित विविध शासकीय योजनाओं की जानकारी दी गई। इस मौके पर सहभागियों ने अपने गांव मे अपने समूह को मजबूत बनाने,पोषण वाटिका लगाने और कुपोषण मुक्त गांव बनाने के लिए कार्य योजना तैयार की गई ।

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