चेस्ट पेन( एंजाइना रोग) बना जीवन के लिए खतरा बचाव के लिए करे योग-प्राणायाम:- योगाचार्य महेश पाल
चेस्ट पेन( एंजाइना रोग) बना जीवन के लिए खतरा बचाव के लिए करे योग-प्राणायाम:- योगाचार्य महेश पाल
गायत्री मंदीर मैं योगाचार्य महेश पाल द्वारा चेस्ट पेन के लिए योग का अभ्यास कराया गाय और कहा कि नए साल की सुरूआत को अपने दिनचर्या मैं योग-प्राणायाम को शामिल कर करे और प्रत्येक दिन योग अभ्यास करे, जिससे कि हम पूरे साल स्वस्थ बने रहे, गायत्री मंदीर गुना मै नए साल के अवसर पर 1जनवरी 2025 से नया योग सत्र का प्रारंभ होने जा रहा है, जो सुबह 7 बजे से 8 बजे तक स्वास्थ संबंधी समस्याओं से सम्बंधित होगा, वर्तमान समय में दिन प्रतिदिन हमारा स्वास्थ्य गिरता जा रहा है जिसमें एक गंभीर समस्या हमारे सामने निकल कर आ रहे हैं वह है चेस्ट पेन (एंजाइना रोग), सर्दी मै बढ़ता सीने का दर्द बच्चों व युबाओ को हार्ट अटैक व उनके जीवन को संकट मै डाल रहा है, चेस्ट पेन की वजह से कई बच्चे, युवा, वरिष्ठजन अपनी जान गवा चुके है,योगाचार्य महेश पाल बताते हैं कि एनजाइना से तात्पर्य सीने में दर्द या बेचैनी से है जो आमतौर पर कोरोनरी हृदय रोग के कारण होता है,यह दिल के दौरे जैसा महसूस हो सकता है जिसमें आपकी छाती में दबाव या सिकुड़न होती है।इसे कभी-कभी एनजाइना पेक्टोरिस या इस्केमिक चेस्ट पेन कहा जाता है, कोरोनरी धमनियाँ रक्त वाहिकाएँ हैं जो आपके हृदय तक ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुँचाती हैं,यदि आपके रक्त में कोलेस्ट्रॉल बहुत अधिक है तो यह आपकी धमनियों में जमा हो जाता है और उन्हें संकरा कर देता है।यदि आपकी धमनियाँ गंभीर रूप से संकरी हैं तो उनमें प्रवाहित होने वाले रक्त की मात्रा कम हो जाती है, और आपके हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं मिल पाता है,एनजाइना के लक्षण तब शुरू हो होते हैं जब आपके दिल को सामान्य से ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है और उसे ज़रूरी ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। ऐसा तब होता है जब आप शारीरिक रूप से ज़्यादा मेहनत करते हैं या भावनात्मक रूप से परेशान होते हैं एवं अधिक कोलेस्ट्रॉल और भारी खाना खाने के बाद भी ऐसा देखने मै आता है। एंजाइना रोग या सीने का दर्द होने के कुछ कारण है जिसमें, पसलियों, पसली की कार्टिलेज, सीने की मांसपेशियों (पेशी-कंकालीय सीने की दीवार का दर्द), या सीने की नाड़ियों के विकार, फेफड़े को ढकने वाली झिल्ली की सूजन (प्लूराइटिस),हृदय को ढकने वाली झिल्ली की सूजन (पेरिकार्डाइटिस),पाचन संबंधी विकार (जैसे कि इसोफ़ेजियल रिफ़्लक्स या इसोफ़ेजियल ऐंठन, अल्सर रोग या पित्ताशय की पथरी),दिल का दौरा या एंजाइना (अक्यूट करोनरी सिंड्रोम और स्टेबल एंजाइना), योग व प्राणायाम से चेस्टपेन( एंजाइना) से बचा जा सकता है जिसमें नाड़ी शोधन, सूर्य भेदी,भ्रामरी प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, चकरासन,उष्ट्रासन,वज्रासन, नाड़ीशोधन प्राणायाम नाड़ीयो के विकारों को दूर करता है, सूर्यभेदी प्राणायाम कोरोनरी धमनी के अवरोधों को दूर कर कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है जो चेस्ट पेन का मुख्य कारण है, सूर्य नमस्कार शरीर में ऊर्जा का संचार करता है मोटापा को नियंत्रित करता है, चक्रासन पाचन संबंधी विकारों को दूर करता है, भ्रामरी प्राणायाम भावनात्मक रूप से स्ट्रांग बनता है चेस्ट पेन की समस्या से बचाव के लिए हमें हमारी दिनचर्या व भोजनचर्या को ठीक कर प्रत्येक दिन योग अभ्यास करना होगा, 2025 नया साल के रूप में हमारे सामने आ रहा है हम नित्य प्रतिदिन योग को अवश्य शामिल करें और 2025 में पूर्ण रूप से अपने आप को स्वस्थ बनाएं
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