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भारत के प्राण हैं भगवान राम:कैलाश मंथन

भारत के प्राण हैं भगवान राम:कैलाश मंथन

विराट हिन्दू उत्सव समिति ने भव्यता से  श्री  राम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव दिवस मनाया

 मंदिरों सत्संग मंडलों में महाआरती, विशेष मनोरथ संपन्न


गुना। भगवान राम भारत के प्राण हैं, राम का चरित्र भारतीय संस्कृति की आत्मा है। बिना राम के चरित्र के भारत निष्प्राण है। भारतीय जनमानस के रोम-रोम में राम बसे हुए हैं। संसार सागर से पार उतरने का प्रमुख साधन राम नाम ही है। यह विचार विराट हिन्दू उत्सव समिति के संस्थापक कैलाश मंथन ने अयोध्या   में श्री राम प्राण प्रतिष्ठा के  1 वर्ष पूर्ण होने  पर व्यक्त किए।अयोध्या में  भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर विराट हिन्दू उत्सव समिति, अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय परिषद के तहत अंचल में भव्य कार्यक्रम संपन्न हुए। प्रमुख राम मंदिरों, धार्मिक केंद्रों सत्संग मंडलों में  दोपहर 12 बजे महाआरती, संकीर्तन एवं बौद्धिक कार्यक्रम संपन्न हुए। द्वारकाधीश मंदिर, श्रीनाथ जी मंदिर, सदर बाजार स्थित राम मंदिर, चिंतन हाउस में विशेष मनोरथ हुए। रामचरित मानस एवं गीताजी की नि:शुल्क प्रतियां वितरण की गई। बौद्धिक सत्संग सभा में विराट हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने कहा कि हिन्दू संस्कृति में अंतसमय राम नाम स्मरण से मुक्ति की प्राप्ति होती है। हिउस संस्थापक कैलाश मंथन ने कहा कि भारतीय संस्कृति का इतिहास गवाह है जिसने भी राम का सतत स्मरण किया उसी की पूजा हुई। बजरंगवली ने राम नाम के बल पर परम पद पाया। वर्तमान में महात्मा गांधी ने भी अंत में राम के उच्चारण से ही राष्ट्रपिता का परम पद प्राप्त किया। सुप्रीम कोर्ट, संसद भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन में भी परम रामभक्त महात्मा गांधी के चित्र के ही दर्शन होते हैं। हिउस प्रमुख ने शहर में निकलते वाली शोभायात्राओं का स्वागत किया।

समिति के प्रांतीय प्रचार प्रमुख एवं जिलाध्यक्ष कैलाश मंथन ने बताया गुना अंचल के श्रीराम एवं वैष्णव मंदिरों, सत्संग मंडलों में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के अवसर पर अभिषेक विशेष मनोरथ एवं  महाआरती संपन्न हुई। गुना, बमोरी, बजरंगगढ़, चांचौड़ा, राघौगढ़, आरोन, म्याना, बीनागंज, कुंभराज, रूठियाई, मधुसूदनगढ़ सहित अंचल के प्रमुख मंदिरों एवं धार्मिक केंद्रों पर विराट हिन्दू उत्सव के तहत सत्संग कथाएं, संकीर्तन, बौद्धिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हुए।

हरे राम संकीर्तन का हुआ जाप

राम जन्मभूमि  प्राण प्रतिष्ठा दिवस के अवसर पर अंचल में पुत्रदा एकादशी से भक्ति केंद्रों एवं मंदिरों पर हरे राम महामंत्र नाम जप का शुभारंभ हुआ। जिला मुख्यालय के हनुमान चौराहा, द्वारकाधीश मंदिर, चिंतन हाउस में भगवान श्रीराम की विधिवत पूजा अर्चना कर भगवन्नाम महामंत्र संकीर्तन का शुभारंभ किया गया। चिंतन हाउस में विराट हिन्दू उत्सव समिति के प्रमुख कैलाश मंथन ने पोषश अक्षर महामंत्र 'हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे नाम जप संकीर्तन का शुभारंभ करते हुए कहा कि संसार सागर से पार उतरने के लिए भगवन्नाम ही एक मात्र औषधि है। राम का नाम जीवन का अंतिम सत्य है। कलियुग में केवल नाम का आधार ही भवसागर से पार कर सकता है। लगातार अभ्यास से ही जीवन के अंत समय में भगवान का ध्यान रह सकता है। इसलिए भारतीय संस्कृति में पुराणों एवं शास्त्रों में नाम जप पर विशेष महत्व दिया गया है। 

हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने बताया कि 108 भक्ति केंद्रों, प्रमुख मंदिरों पर प्रत्येक ग्यारस को सामूहिक संकीर्तन नाप जप के तहत वर्षभर देव उठनी ग्यारस तक कार्यक्रम चलते रहेंगे। श्री मंथन के मुताबिक भगवान का नाम संकीर्तन सब पापों का नाश करता है। वर्तमान समय में सनातन धर्म में फैलाई जा रही विकृतियों के फल स्वरूप आमजन पाखंड धर्म के चक्कर में पड़कर अपने जीवन का बहुमूल्य समय एवं धन अपव्यय कर रहा है। धार्मिक व्यवसायिकता के बढ़ते प्रभाव के चलते मानव मात्र के लिए दिशा निर्देशन करने वाले श्रेष्ठ गुरुओं का अभाव दिखाई देता है। ऐसे समय में श्रीमद् भगवद गीता भागवत में वर्णित कलियुग में फैल रहे पाखंड धर्म से बचने का साधन बताया है, भगवान श्री हरि के नाम संकीर्तन का निरंतर सतत स्मरण करना। इसी मकसद से चिंतन मंच के तहत नि:शुल्क श्रीमद् भगवद गीता रामचरित मानस आदि का वितरण करने के साथ अब 12 करोड़ हरेराम नाम जप संकीर्तन कार्यक्रम में सैकड़ों परिवार हिस्सेदारी कर रहे हैं।

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