बोर्ड परीक्षा के समय तनाव व अनिद्रा की समस्या बच्चों के लिए बन सकता है खतरा बचाव के लिए योग-प्राणायाम :- योगाचार्य महेश पाल
बोर्ड परीक्षा के समय तनाव व अनिद्रा की समस्या बच्चों के लिए बन सकता है खतरा बचाव के लिए योग-प्राणायाम :- योगाचार्य महेश पाल
गुना -अभी हाल ही मैं बोर्ड परीक्षाएं प्रारंभ होने जा रही है इस समय विद्यार्थियों को तनाव, डिप्रेशन ,अनिद्रा एवं स्वास्थ्य संबंधी बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है,योगाचार्य महेश पाल बताते है कि परीक्षा के दिनों में जहां विद्यार्थियों से सबसे अच्छे अंक लाने की ज्यादा अपेक्षा की जाती है,वहीं माता-पिता को अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की चिंता सताती है।परीक्षा के समय पैदा हुए ऐसे माहौल से बच्चों में मानसिक दबाव इतना बढ़ जाता है कि कभी-कभी वे परीक्षा ही नहीं दे पाते या फेल हो जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप कई बच्चे अवसाद (डिप्रेशन) में चले जाते हैं। यहां तक कि कुछ बच्चे आत्महत्या तक कर लेते हैं। बीते सालों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें परीक्षा में खराब प्रदर्शन या अच्छे अंकों से पास नहीं होने की वजह से बच्चों ने गलत कदम उठाये, ऐसे में परीक्षा के दौरान होने वाले तनाव के कारणों से होता है ऐसे कई कारण हमारे सामने नज़र आये है जिसमें, माता- पिता कई बार अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चों से करने लगते हैं। इसका बच्चे के मस्तिष्क पर गलत प्रभाव पड़ता है। ऐसे में माता-पिता और रिश्तेदारों की महत्वाकांक्षाओं पर खरा न उतरने पर विद्यार्थियों का आत्मविश्वास कम हो सकता है। इसका सीधा असर परीक्षा प्रदर्शन पर पड़ता है, कई बार विद्यार्थी अपने दोस्तों व अन्य सहपाठियों से प्रतियोगिता करने लगता है। ऐसे में अगर परीक्षा में कम अंक आएं, तो दोस्त विद्यार्थी का मजाक बनाते हैं। वहीं, फेल होने पर दोस्तों से अलग होने का डर भी हो जाता है। *एग्जामोफोबिया* - मतलब परीक्षा का डर। कई विद्यार्थियों परीक्षा को लेकर यही सोचते हैं कि वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे। उन्हें हर समय परीक्षा से जुड़े बुरे विचार ही मन में आते हैं। इस कारण वे परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते। अधिक नींद आना या बिल्कुल भी नींद न आना ,याददाश्त को मजबूत करने के लिए अच्छी नींद बेहद जरूरी है, जो परीक्षा के तनाव में बच्चे नहीं लेते हैं। कुछ विद्यार्थी इस दौरान बिल्कुल नहीं सोते हैं तो कुछ बहुत अधिक सोते हैं। परीक्षा में अच्छे प्रदर्शन करने के लिहाज से ये दोनों स्थितियां सही नहीं हैं। इन सभी कारणों को देखते हुए बोर्ड परीक्षा के समय विद्यार्थियों को तनाव डिप्रेशन अनिद्रा की समस्या से बचाव के लिए योग प्राणायाम अति आवश्यक है हमारी दैनिक दिनचर्या में योग अभ्यास महत्वपूर्ण योगदान देता है जिसमें हम सूर्य नमस्कार, वृक्षासन, ताड़ासन ,अर्ध ताड़ासन ,भुजंगासन, शसकासन,उस्ट्रासन,सर्वांगासन, अनुलोम विलोम, नाड़ी शोधन प्राणायाम,चंद्रभेदी प्राणायाम ,भ्रामरी प्राणायाम, और आज्ञा चक्र पर ध्यान, योग के माध्यम से तनाव मुक्त रहकर बोर्ड परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं
*सूर्य नमस्कार:-* सूर्य नमस्कार का अभ्यास संपूर्ण शरीर को लचीला बनाता है इसके अभ्यास से पाचन-तंत्र दुरुस्त रहता है यह शरीर को डिटॉक्स करता है
**ताडासन:-** लाभ-ताड़ासन के अभ्यास से शारारिक और मानसिक संतुलन बना रहता है। - ताड़ासन करने से पाचन तंत्र सही रहता है
*वृक्षासन:-* सीधे खड़े होकर दायें पैर को उठा कर बायें जंघा पर इस प्रकार रखें की पैर का पंजा नीचे की ओर तथा एड़ी जंघाके मूल में लगी हुई हो। दोनों हाथों को नमस्कार की स्थिति मे सामने रखे यह आसान एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है
*भुजंगासन:-* पेट के अंगों को उत्तेजित करता है भुजंगासन तनाव और थकान को दूर करने में मदद करता है।
*अनुलोम विलोम प्राणायाम:-* इसके अभ्यास से तनाव और चिंता, अनिद्रा की समस्या को ठीक करता है यह पूरे शरीर में शुद्ध ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है।
**भ्रामरी:* यह आपके मस्तिष्क को शांत बनाए रखने में मदद करता है। भ्रामरी प्राणायाम रक्तचाप को नियंत्रित करता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर से राहत मिलती है। यह तनाव को दूर करता है, बेहतर नींद के लिए इसे रात्रिकालीन नियमित योग के रूप में शामिल किया जाता हैं
*ध्यानयोग:-* ध्यान योग करने के लिए कमर गर्दन सीधी करके बैठ जाएं दोनों आंखों को बंद कर ले दोनों भोहों के बीच में आज्ञा चक्र पर अपना पूरा ध्यान लगाए श्वास की गति सामान्य रखें इसके अभ्यास से नींद की समस्या, अनिद्रा तनाव, चिंता भय को समाप्त करता है
इन सभी योग अभ्यास के माध्यम और एक अच्छी दिनचार्य व संतुलित आहारचर्या से विद्यार्थी अपने आप को पूर्णता चिंता मुक्त तनावमुक्त रहकर अपनी परीक्षा मै अच्छा प्रदर्शन कर सकता हैं, योग से विधार्थी का आत्म विश्वास बढ़ता है, जिससे बह हर समस्या से बाहर निकलने मै सक्षम बनता है , इसलिए हमे योग को अपनी दिनचर्या मै जरूर स्थान देना चाहिए,
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