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प्रकृति के रंगों में रंग जाने का त्यौहार है होली- कैलाश मंथन

रंगपंचमी पर होगी रंगों की बौछार, प्राचीन पर्यटन स्थलों मचेगा रंगों का धमाल

विराट हिउस के तहत धार्मिक केंद्रों पर होंगे आयोजन

प्रकृति के रंगों में रंग जाने का त्यौहार है होली- कैलाश मंथन


गुना ।रंग पंचमी पर अंचल के प्रमुख प्राचीन धार्मिक स्थलों पर भव्यता के साथ रंगों का धमाल होगा। विराट हिउस प्रमुख कैलाश मंथन के प्रकृति के रंगो में रग जाना ही होली के रंगारंग त्यौहार का मकसद है। इसीलिए प्राकृतिक रंगों का प्रयोग ही होली के त्योहार पर करना पवित्र माना जाता है। प्राचीन काल से टेसू के फूलों का केसरिया रंग डालकर होली मनाई जाती रही है। अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद मध्य प्रदेश के मीडिया प्रभारी कैलाश मंथन के मुताबिक वर्तमान में जनप्रतिनिधियों की अरूचि होने से रंगपंचमी के दिन विभिन्न चौराहों, बस्तियों में कड़ाहों को रखने की परंपरा लुप्त होती जा रही है। लोगों द्वारा अब रंगपंचमी का दिन पिकनिक स्पॉट क्षेत्रीय प्रयाग प्राचीन पर्यटन मेले अथवा  स्थलों पर बिताया जा रहा  है। विराट हिउस प्रमुख कैलाश मंथन के मुताबिक लोगों की रूचि को देखते हुए सभी प्राचीन धार्मिक स्थलों केदारनाथ, मालपुर, करीला आदि स्थानों पर विराट हिउस चिंतन मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

#करीला मेले के लिए उचित किराया निर्धारण हो

रंग पंचमी के अवसर पर करीला धाम में लगने वाले मेले में हजारों लोग अंचल से पहुंचते हैं।  यात्री वाहनों द्वारा हजारों लोग माता जानकी के दर्शनार्थ करीला जाते हैं। बस एवं यात्री वाहनों में मनमाना किराया वसूल किया जाता है। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने उचित किराया निर्धारण करने की मांग प्रशासन से की है। 

#40 दिवसीय होली-फागोत्सव का समापन

होली पूजन एवं दहन के बाद धुलेंडी अंचल में उत्साह के साथ मनाई गई। जिले के बमोरी अंचल में अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय केंद्रों पर फागोत्सवों के आयोजन हुए। 40 दिवसीय होली-फाग महोत्सव का समापन दोलोत्सव धुलेंडी के साथ संपन्न हुआ। अंतिम दिवस  रंग अबीर एवं गुलाब के फूलों से श्री ठाकुर जी एवं गुरुजनों के साथ होली खेली गई ।इसके पूर्व विराट हिन्दू उत्सव समिति के तहत फूलों की होली खेलने के साथ पवित्र सुगंधित गुलाल-अबीर-चंदन के साथ तिलक होली भव्यता से मनाई गई। विराट हिउस संयोजक कैलाश मंथन के मुताबिक विभिन्न संस्थाओं के आव्हान पर पर्यावरण को पवित्र रखने के उद्देश्य से होली पर गुलाब के फूलों, चंदन, प्राकृतिक रंगों व सुगंधित गुलाल का ही प्रयोग किया गया। शहर में होली उत्सव का शुभारंभ विभिन्न मंदिरों सहित सभी देव दरबारों में फूलों की होली खेलकर हुआ। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सेदारी की।


राई नृत्य के दौरान होने वाली फूहड़ता पर रोक लगाने की  मांग

करीला मेले में शराब एवं अश्लील नृत्यों पर लगे प्रतिबंध - कैलाश मंथन

गुना। रंग पंचमी जैसे पवित्र त्यौहारों पर फूहड़ता भरे नृत्यों एवं शराबखोरी पर प्रतिबंध लगना जरूरी है। नशे के मद में मदहोश लोगों की भीड़ एवं अश्लील भौंडे नृत्य कभी भी हादसे का कारण बन जाते हैं। विराट हिन्दू उत्सव समिति के प्रमुख कैलाश मंथन के मुताबिक अंचल करीला धाम में रंगपंचमी के अवसर पर लाखों लोग पहुंचते हैं, उनकी सुरक्षा व्यवस्था के पर्याप्त इंतजाम होने के बावजूद हादसे घटित होते हैं। इनकी प्रमुख वजह है क्षेत्रों में खुले आम शराब का बिकना। देखा जाता है कि शराब के नशे में डूबकर अनेकों दबंग रंगपंचमी की रात जब करीला में मां जानकी एवं राम दरबार की प्रार्थना में राई नृत्य के दौरान अश्लील हरकतें करते हैं। वहीं अनेकों राइयों को भी शराब पिलाकर नृत्य कराया जाता है, जो कि झगड़े का कारण भी बन जाते हैं। पुलिस एवं प्रशासन को जागरूकता से इस ओर ध्यान देना जरूरी है। वरना एक महान परंपरा फूहड़ता, शराब और शबाव के अश्लीलता का प्रदर्शन बन कर लुप्त हो सकती है।


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