होलिका दहन को जहरीला न बनाएं, तिलक होली से पर्यावरण संरक्षण करें
होलिका दहन को जहरीला न बनाएं, तिलक होली से पर्यावरण संरक्षण करें
आगरा -पर्यावरण अनुकूल तिलक होली-रंगपंचमी उत्सव मनाने के लिऐ पर्यावरण-सामाजिक विकास संध नई दिल्ली के सदस्य व स्वाधीन पर्यावरण व सामाजिक कार्यकर्ता सुचेताहम्बीर सिंह, कुलदीपिका सिंह मैमोरियल पर्यावरण जागरुकता अभियान से आग्रह कर रहे हैं कि रंगों के इस उत्सव पर आमजन धातुओं (लैड, कैडमियम, कॉपर, अल्यूमीनियम, क्रोमियम, मरकरी, जिंक आदि) से बने रसायनिक रंगों, कलर पैंट व अबीर-गुलाल आदि का उपयोग न करें इसके विकल्प में प्राकृतिक व हर्बल सामग्री (जैसे पलास/टेसू के फूल से लाल रंग; चुकंदर से बैगनी रंग; गैंदा के फूल, हल्दी, चंदन व मुलतानी मिट्टी से पीला रंग; पालक से हरा रंग आदि) से बने पर्यावरण अनुकूल सूखे हर्बल गुलाल व रंगों का उपयोग करके पर्यावरण स्वच्छता व संरक्षण के लिऐ पानी बचाओ पेड बचाओ व जन-जीवन को बचाने में अपना योगदान दें। धातुओं के रंगों के प्रदूशण से त्वचा, लीवर, किडनी, हड्डियों व मानसिक बीमारी होती हैं तथा होलिका दहन के लिए पेडों को न काटें और कंडों-घास-फूस का भी अधिक उपयोग न करें होलिका में भारी मात्रा में प्लास्टिक, फौम, रबर आदि का उपयोग न करें। औसतन प्रति 1 किलोग्राम लकडी व कंडे के दहन से करीब 1 किलोग्राम ग्रीनहाउस गैसें कार्बन डाईऔक्साइड तथा पीएम 2.5 व 10 का उत्सर्जन होता है जो ग्लोबल वार्मिंग की तीव्रता व बीमारियों को बढाते है, एक पेड करीब 250 लीटर औक्सीजन देता है और करीब 20 किलोग्राम कार्बन डाईऔक्साइड सोखता है। यदि देष के करीब 6.65 लाख गांव व 5410 तहसीलों में औसतन होलिका दहन की लकडी आधी कर दें तो प्रति बर्श कई हजार हैक्टेयर जंगल क्षेत्र का संरक्षण होगा और कई सौ लाख टन ग्रीनहाउस गैसें कार्बन डाईऔक्साइड के उत्सर्जन को रोक सकेंगे और पेडों के संरक्षण से कार्बन डाईऔक्साइड को सोखने से देष के षून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हांसिल करने सहायता मिलेगी। आगरा षहर में करीब 3000 स्थानों पर होलिका दहन किया जाता है इससे करीब 3 से 4 हैक्टेयर जंगल का बिनाष हो जाता है और करीब 6 हजार टन कार्बन डाईऔक्साइड का उत्सर्जन हो जाता है तथा प्रति बर्श एक लाख टन कार्बन डाईऔक्साइड का सोखना कम हो जाता है जो ग्लोबल वार्मिंग बढाने में मददगार होगा। पर्यावरण अनुकूल तिलक होली-रंगपंचमी के जागरुकता संदेश को आगरा षहर, दयालबाग, सिकंदरा, आगरा फोर्ट, निनुयाई, बजीरपुरा, गांव पीलीपोखर, पाईया, धौरउ, लोधीपुरा, नगला नेहरा, छलेसर, नगला जार, कुबेरपुर, गोबर्धन पुरा, नगला रामबल, षाहदरा, विजय नगर, रामबाग, नगला भागूपुर, अररिया, इंदाबांस, नवलपुर, टेडी बगिया, धौर्रा, नवलपुर, शासकीय व प्राईवेट स्कूलों आदि पर लोगों व छात्रों को अवगत कर रहे है।
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