12 अप्रेल को शक्तिपर्व के रूप में मनाई जाएगी श्री हनुमान जयंती
12 अप्रेल को शक्तिपर्व के रूप में मनाई जाएगी श्री हनुमान जयंती
राम नाम लेखन एवं जाप का चलाया जा रहा है महा अभियान
निशुल्क सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा का होगा वितरण
गुना। अंचल में 12 अप्रैल को को चैत्र पूर्णिमा के दिन श्री हनुमान जयंती शक्तिपर्व के रूप में मनाई जाएगी। विराट हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने बताया कि पिछले एक दशक से श्री हनुमान जयंती को शक्तिपर्व के रूप में मनाया जा रहा है। हिउस प्रमुख ने सभी धर्मावलंबियो से निकट के हनुमान मंदिरों धार्मिक केंद्रों में पहुंचकर सामाजिक एवं धार्मिक एकता प्रदर्शित करने का आव्हान किया। इस अवसर पर सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा की निशुल्क कृतियां वितरित की जाएंगी।
भगवान राम का चरित्र भारतीय संस्कृति की आत्मा हैःकैलाश मंथन
पुष्टि भक्ति केंद्रों पर भव्यता से मनाया राम जन्मोत्सव
मंदिरों एवं सत्संग मंडलों में विशेष मनोरथ संपन्न
भगवान राम भारत के प्राण हैं, राम का चरित्र भारतीय संस्कृति की आत्मा है। बिना राम के चरित्र के भारत निष्प्राण है। भारतीय जनमानस के रोम-रोम में राम बसे हुए हैं। संसार सागर से पार उतरने का प्रमुख साधन राम नाम ही है। अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद के प्रांतीय प्रचार प्रमुख एवं जिला अध्यक्ष, विराट हिन्दू उत्सव समिति के संस्थापक कैलाश मंथन ने राम जन्मोत्सव के अवसर पुष्टिमार्ग केंद्रों पर विचार व्यक्त करते हुए भगवान राम नाम जाप की महिमा का वर्णन किया। भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव पर विराट हिन्दू उत्सव समिति, अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय परिषद के तहत अंचल में भव्य कार्यक्रम संपन्न हुए। प्रमुख राम मंदिरों, धार्मिक केंद्रों सत्संग मंडलों में रामनवमीं राम नाम जाप,संकीर्तन एवं बौद्धिक कार्यक्रम संपन्न हुए। शहर के द्वारकाधीश मंदिर, श्रीनाथ जी मंदिर, सदर बाजार स्थित राम मंदिर, चिंतन हाउस में विशेष मनोरथ हुए। बमोरी अंचल के वने, लालोनी, परवाह सहित अनेकों ग्रामों में गोस्वामी श्री गोवर्धनेश दर्शन बाबा अहमदाबाद के सानिध्य में सैकड़ो वैष्णवों ने राम जन्मोत्सव में भागीदारी की। चिंतन मंच के तहत रामचरित मानस एवं गीताजी की नि:शुल्क प्रतियां वितरण की गई। बौद्धिक सत्संग सभा में विराट हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने कहा कि हिन्दू संस्कृति में अंतसमय राम नाम स्मरण से मुक्ति की प्राप्ति होती है। हिउस संस्थापक कैलाश मंथन ने कहा कि भारतीय संस्कृति का इतिहास गवाह है जिसने भी राम का सतत स्मरण किया उसी की पूजा हुई। बजरंगवली ने राम नाम के बल पर परम पद पाया। वर्तमान में महात्मा गांधी ने भी अंत में राम के उच्चारण से ही राष्ट्रपिता का परम पद प्राप्त किया। सुप्रीम कोर्ट, संसद भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन में भी परम रामभक्त महात्मा गांधी के चित्र के ही दर्शन होते हैं। विराट हिउस प्रमुख एवं वैष्णव ऋपरिषद के जिलाध्यक्ष कैलाश मंथन ने बताया गुना अंचल के 108 श्रीराम एवं वैष्णव मंदिरों,127 सत्संग मंडलों में भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव पर अभिषेक विशेष मनोरथ हुऐ।
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